आगरा के कचहरी घाट, गंगा गली निवासी अंबरीश गौतम, जो बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में अवर अभियंता (जेई) के पद से बर्खास्त थे, का शव शुक्रवार को विश्वविद्यालय परिसर के सरकारी आवास में संदिग्ध परिस्थितियों में मिला। परिजनों का दावा है कि अंबरीश की हत्या की गई और 200 करोड़ के घोटाले से जुड़े सुबूत मिटाने के लिए यह साजिश रची गई।
परिजनों के गंभीर आरोप
मृतक के भाई अंकुर गौतम ने बताया कि पुलिस ने तीन दिन बाद भी हत्या का मुकदमा दर्ज नहीं किया। तहरीर पहले दिन ही दे दी गई थी, लेकिन पुलिस ने इसे रिसीव करने की रसीद तक नहीं दी। अंकुर ने कहा कि हत्या के बाद अंबरीश के घर में दस्तावेज खंगाले गए और उनकी अटैची खोली गई। शव पर नीले निशान भी थे, जो हत्या की आशंका को पुख्ता करते हैं। परिवार का आरोप है कि अंबरीश ने विश्वविद्यालय में हुए 200 करोड़ के घोटाले के खिलाफ आवाज उठाई थी, जिसके चलते उन्हें समझौता करने का दबाव डाला गया। जब उन्होंने इनकार किया, तो उनकी हत्या कर दी गई।
पुलिस की लापरवाही पर सवाल
परिजनों ने झांसी पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है। अंकुर ने बताया कि एक्स पर शिकायत करने के बाद पुलिस ने जवाब दिया कि उन्हें तहरीर नहीं मिली, जिससे पुलिस की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं। परिवार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और यूपी पुलिस को एक्स पर टैग कर सीबीआई जांच की मांग की है। उनका कहना है कि सीबीआई जांच से घोटाले और हत्या का पूरा सच सामने आ सकता है।
परिवार का दुख
अंबरीश की पत्नी और बेटे का रो-रोकर बुरा हाल है। पत्नी का कहना है कि घोटाले के खिलाफ आवाज उठाने की सजा उनके पति को दी गई। परिवार का दावा है कि अंबरीश पर समझौता करने का दबाव था, और उनकी हत्या उसी साजिश का हिस्सा है। सोमवार को उठावनी के दौरान परिजनों में पुलिस के रवैये के खिलाफ गुस्सा साफ दिखाई दिया।
आगे की कार्रवाई
- सीबीआई जांच की मांग: परिजन जल्द ही अधिकारियों से मिलकर मामले में सीबीआई जांच की मांग करेंगे।
- पुलिस की जांच: पुलिस ने अभी तक कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया है, लेकिन परिजनों के दबाव के बाद जांच शुरू होने की संभावना है।
- सुबूतों की जांच: शव पर नीले निशान और खंगाले गए दस्तावेजों की फॉरेंसिक जांच से हत्या के कारणों का खुलासा हो सकता है।
अपील
यह मामला भ्रष्टाचार और हत्या के गंभीर आरोपों को उजागर करता है। पारदर्शी जांच और न्याय की मांग के लिए जनता से सहयोग की अपील है। यदि आपके पास इस मामले से जुड़ी कोई जानकारी हो, तो स्थानीय पुलिस या संबंधित अधिकारियों से संपर्क करें।