उप श्रम आयुक्त कार्यालय का कर्मचारी ₹15,000 की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार

आगरा के उप श्रम आयुक्त कार्यालय में तैनात वरिष्ठ सहायक प्रदीप वर्मा को शनिवार को विजिलेंस टीम ने ₹15,000 की रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया। बाह तहसील के गांव गढ़ा पचौरी निवासी राज किशोर चौहान ने विजिलेंस में शिकायत दर्ज कराई थी कि प्रदीप वर्मा ने नोटिस खत्म करने के लिए रिश्वत मांगी थी।

राज किशोर चौहान मकान और दुकान का निर्माण करवा रहे थे, लेकिन मजदूरों का रजिस्टर नहीं रखने के कारण 28 दिसंबर 2024 को उप श्रम आयुक्त कार्यालय ने उन्हें नोटिस जारी किया था। इसके बाद 21 मार्च 2025 को श्रम आयुक्त, कानपुर ने कारण बताओ नोटिस भेजा, जिसकी प्रति आगरा के उप श्रम आयुक्त कार्यालय को मिली। इस नोटिस के निस्तारण के लिए राज किशोर कई महीनों से कार्यालय के चक्कर काट रहे थे।

इस दौरान उनकी मुलाकात प्रदीप वर्मा से हुई, जिन्होंने ₹15,000 देने पर नोटिस रद्द करने और भविष्य में कोई परेशानी न होने का भरोसा दिलाया। राज किशोर रिश्वत देने को तैयार नहीं थे और कई बार प्रदीप से बिना रिश्वत के मामले को सुलझाने की गुहार लगाई। जब बात नहीं बनी, तो उन्होंने विजिलेंस से शिकायत की।

विजिलेंस ने गोपनीय जांच के बाद पुष्टि की कि प्रदीप वर्मा रिश्वत ले रहा है। इसके बाद शनिवार को जाल बिछाकर राज किशोर को रिश्वत की रकम के साथ कार्यालय भेजा गया। जैसे ही प्रदीप ने रिश्वत की रकम ली और जेब में रखी, विजिलेंस टीम ने उसे धर दबोचा। उसके खिलाफ सदर थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।

प्रदीप वर्मा को मेरठ की भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट में पेश किया जाएगा। इस घटना के बाद जिले के अन्य सरकारी विभागों में हड़कंप मच गया है। एसपी विजिलेंस आलोक शर्मा ने बताया कि जांच में सभी तथ्यों की पुष्टि के बाद कार्रवाई की गई।

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