यूपी में मौसम का तांडव: विंध्य और तराई में अगले दो दिन भारी बारिश, 34 जिलों में गरज-चमक और बिजली गिरने की चेतावनी

उत्तर प्रदेश में मानसून ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है। मौसम विभाग ने अगले दो दिनों, 15 और 16 जुलाई 2025, के लिए विंध्य और तराई क्षेत्रों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। 15 जिलों में झमाझम बारिश और 34 जिलों में गरज-चमक के साथ बिजली गिरने की आशंका जताई गई है। बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दाब क्षेत्र के कारण मानसूनी गतिविधियां तेज हो रही हैं। सोमवार को बलिया, वाराणसी, मिर्जापुर, बहराइच, अयोध्या जैसे कई जिलों में जोरदार बारिश हुई, और अब अगले दो दिन पूरे प्रदेश में बादलों की आवाजाही और छिटपुट बूंदाबांदी की संभावना बनी रहेगी।

विस्तार

उत्तर प्रदेश में मानसून का दौर पूरे जोर-शोर से जारी है। सोमवार, 14 जुलाई 2025 को विंध्य क्षेत्र और पूर्वी तराई के कई जिलों में जोरदार बारिश ने जनजीवन को प्रभावित किया। बलिया, वाराणसी, मिर्जापुर, भदोही, गाजीपुर, लखीमपुर खीरी, ललितपुर, रामपुर, शाहजहांपुर, बहराइच और अयोध्या जैसे जिलों में भारी बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में विकसित हो रहे निम्न दाब क्षेत्र के प्रभाव से अगले दो दिन, यानी 15 और 16 जुलाई 2025 को विंध्य और पूर्वी तराई क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावना है। इसके साथ ही 34 जिलों में गरज-चमक और बिजली गिरने की चेतावनी जारी की गई है।

मौसम विभाग की चेतावनी

आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र, लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दाब क्षेत्र के कारण मानसूनी गतिविधियां तेज हो रही हैं। मंगलवार, 15 जुलाई 2025 से शुरू होकर अगले दो दिन विंध्य और पूर्वी तराई क्षेत्रों में भारी बारिश के आसार हैं। इस दौरान प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी बादलों की आवाजाही रहेगी और कई जगहों पर छिटपुट बूंदाबांदी हो सकती है। मौसम विभाग ने लोगों से सतर्क रहने और बिजली गिरने की स्थिति में सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी है।

भारी बारिश की संभावना वाले जिले

मौसम विभाग ने निम्नलिखित 15 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है:

  • सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, भदोही
  • जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, बलिया
  • देवरिया, गोरखपुर, संत कबीर नगर, कुशीनगर, अंबेडकर नगरइन जिलों में भारी बारिश के कारण जलभराव, सड़क यातायात में बाधा और नदियों के उफान की आशंका है।

गरज-चमक और बिजली गिरने की चेतावनी वाले जिले

34 जिलों में गरज-चमक के साथ बिजली गिरने की चेतावनी जारी की गई है, जिनमें प्रमुख हैं:

  • गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच
  • रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, अंबेडकर नगर
  • महोबा, ललितपुरइन क्षेत्रों में तेज हवाओं और बिजली गिरने की संभावना है, जिससे जानमाल के नुकसान का खतरा बढ़ सकता है।

मौसम का प्रभाव और जनजीवन

सोमवार को हुई भारी बारिश ने कई जिलों में जनजीवन को प्रभावित किया। वाराणसी और बलिया में सड़कों पर जलभराव के कारण यातायात बाधित रहा, जबकि बहराइच और लखीमपुर खीरी में नदियों के जलस्तर में वृद्धि देखी गई। किसानों के लिए यह बारिश फसलों के लिए लाभकारी हो सकती है, लेकिन अत्यधिक बारिश से खरीफ फसलों को नुकसान की भी आशंका है। मौसम विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे खेतों में जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करें।

प्रशासन की तैयारी

उत्तर प्रदेश सरकार ने भारी बारिश और बिजली गिरने की चेतावनी को देखते हुए सभी जिलों में प्रशासन को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। आपदा प्रबंधन विभाग को जलभराव और बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा गया है। बहराइच, गोंडा और बलरामपुर जैसे तराई क्षेत्रों में बाढ़ राहत शिविरों की व्यवस्था शुरू कर दी गई है। इसके अलावा, बिजली गिरने से बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।

सामाजिक और पर्यावरणीय प्रभाव

भारी बारिश और मानसूनी गतिविधियां उत्तर प्रदेश में पर्यावरण और समाज पर गहरा प्रभाव डाल रही हैं। एक ओर जहां बारिश से जलाशयों और नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है, वहीं जलभराव और बाढ़ जैसे खतरे भी सामने आ रहे हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि बारिश से गर्मी से राहत मिली है, लेकिन सड़कों पर जलभराव और बिजली गिरने की घटनाएं चिंता का विषय हैं। पर्यावरण विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अनियोजित शहरीकरण और जल निकासी की खराब व्यवस्था के कारण जलभराव की समस्या गंभीर हो सकती है।

मौसम विभाग की सलाह

मौसम विभाग ने लोगों से निम्नलिखित सावधानियां बरतने की अपील की है:

  • बिजली गिरने से बचाव: गरज-चमक के दौरान खुले मैदानों, पेड़ों के नीचे, या ऊंची जगहों पर न रहें। सुरक्षित भवनों में शरण लें।
  • यातायात सावधानी: भारी बारिश के दौरान सड़कों पर सावधानी बरतें और जलभराव वाले क्षेत्रों से बचें।
  • किसानों के लिए: खेतों में जल निकासी की व्यवस्था करें और फसलों की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाएं।
  • आपातकालीन संपर्क: किसी भी आपात स्थिति में स्थानीय प्रशासन या आपदा प्रबंधन हेल्पलाइन (1070) पर संपर्क करें।

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