उत्तर प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों के ट्रॉमा सेंटर और इमरजेंसी वार्डों की व्यवस्थाओं को नए सिरे से सुधारने का फैसला लिया गया है। चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने सभी मेडिकल कॉलेजों के प्रधानाचार्यों और निदेशकों को निर्देश जारी किए हैं कि एक महीने के भीतर संसाधनों की कमी को पूरा किया जाए।
निरीक्षण और शिकायतों का आधार
प्रमुख सचिव ने अंबेडकरनगर, चंदौली, आगरा, कन्नौज, और प्रयागराज के मेडिकल कॉलेजों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि शाम के समय ट्रॉमा सेंटरों और इमरजेंसी वार्डों में समुचित इलाज की कमी की शिकायतें हैं। इन खामियों को दूर करने के लिए निम्नलिखित निर्देश दिए गए हैं:
- चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ की नियुक्ति: सभी ट्रॉमा सेंटरों और इमरजेंसी वार्डों में पर्याप्त स्टाफ सुनिश्चित करें।
- संसाधनों की उपलब्धता: दवाओं, ब्लड, और पैथोलॉजी जांच की बेहतर व्यवस्था करें।
- उपकरणों की कार्यक्षमता: सभी चिकित्सा उपकरणों को क्रियाशील रखें।
समय-सीमा और समीक्षा
प्रमुख सचिव ने निर्देश दिया है कि सभी व्यवस्थाओं की समीक्षा एक महीने में की जाएगी। इसलिए, जहां भी संसाधनों की कमी है, उसे तत्काल पूरा किया जाए। यह कदम मरीजों को त्वरित और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए उठाया गया है।
अपील
मेडिकल कॉलेजों और ट्रॉमा सेंटरों में बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित करना जनहित में है। नागरिकों से अनुरोध है कि किसी भी कमी या अनियमितता की जानकारी संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाएं ताकि सुधार प्रक्रिया को और तेज किया जा सके।